Tuesday, October 23, 2012

नजर दोष और उपाय

नजर दोष और उपाय


कहते हैं कि कृष्ण जी इतने सुंदर थे कि उन्हें अक्सर उनकी माता यशोदा जी की नजर लग जाती थी। इसलिए मां यशोदा उनके माथे पर काला टीका लगा देती थीं ताकि उन्हें नजर न लगे। नजर दोष से बचाव के लिए अक्सर घरों के बाहर एक डरावना मुखौटा लगा दिया जाता है। गाड़ियों के पीछे काले कपड़े की चोटी या जूता भी नजर से बचाव के लिए ही लटकाया जाता है। हर ट्रक के पीछे 'बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला' का वाक्य लिखा होना एक आम बात है।

अक्सर सुनने में आता है कि किसी ने किसी दूसरे पर टोना कर दिया है, जिससे उसका कोई भी काम ठीक नहीं होता और दुर्भाग्य बार-बार आड़े आ जाता है। इसी प्रकार कभी हम महसूस करते हैं कि पूरी मेहनत के पश्चात भी हमें कार्य में सफलता नहीं मिल रही - कारण कि किसी ने हमारे व्यवसाय को बांध दिया है। बंधन के फलस्वरूप या तो व्यवसाय नहीं होता या फिर व्यवसाय होते हुए भी अंततः हानि ही हाथ आती है। यहां तक कि इस प्रकार का माहौल बन जाता है कि हमें वह व्यवसाय छोड़ना ही पड़ जाता है। कभी किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य ऐसे बिगड़ जाता है कि सभी दवाइयां निष्प्रभावी हो जाती हैं। ऐसा अक्सर किसी भूत-प्रेत या चुड़ैल की बाधा साथ लग जाने से होता है। यह बाधा किसी के द्वारा कराई गई होती है या अंजाने में राह में या हमारे किसी कर्म के कारण लग जाती है। मनुष्य को पूर्व जन्म के ऋणानुबंध या श्राप आदि भी अनेक प्रकार से कष्टदायी होते हैं जिनका उपाय करने से उनसे मुक्ति मिल सकती है।

हमारे साथ कुछ अच्छा होने वाला है या बुरा इसका पूर्वानुमान स्वप्न या शकुन द्वारा लगाया जा सकता है। सीता से विवाह के लिए जब श्री राम जी की बरात प्रस्थान करती है, तो सारे शकुन स्वतः होने लगते हैं जो एक शुभ कार्य का पूर्व संदेश देते हैं।

छेमकरी कह छेम बिसेषी। स्यामा बाम सुतरु पर देखी॥ सनमुख आयउ दधि अरु मीना। कर पुस्तक दुइ बिप्र प्रबीना॥ मंगलमय कल्यानमय अभिमत फल दातार। जनु सब साचे होन हित भए सगुन एक बार॥ क्षेमकरी (सफेद सिर वाली चील) विशेष रूप से क्षेम (कल्याण) कह रही है।

श्यामा बायीं ओर सुंदर पेड़ पर दिखाई पड़ी। दही, मछली और हाथ में पुस्तक लिए हुए दो विद्वान् ब्राह्मण सामने आए। सभी मंगलमय, कल्याणमय और मनोवांछित फल देने वाले शकुन मानो सच्चे होने के लिए एक ही साथ हो गए।

इसी प्रकार रावण के युद्ध हेतु प्रस्थान के समय सारे अपशकुन होने लगते हैं।

अति गर्ब गनइ न सगुन असगुन स्रवहिं आयुध हाथ ते। भट गिरत रथ ते बाजि गज चिक्करत भाजहिं साथ ते॥ गोमाय गीध कराल खर रव स्वान बोलहिं अति घने। जनु कालदूत उलूक बोलहिं बचन परम भयावने॥

अत्यंत गर्व के कारण रावण शकुन-अशकुन का विचार नहीं करता। हथियार हाथों से गिर रहे हैं। योद्धा रथ से गिर पड़ते हैं। घोड़े, हाथी साथ छोड़कर चिंघाड़ते हुए भाग जाते हैं। स्यार, गिद्ध, कौए और गधे शब्द कर रहे हैं। बहुत अधिक कुत्ते बोल रहे हैं। उल्लू ऐसे अत्यंत भयानक शब्द कर रहे हैं, मानो मृत्यु का संदेशा सुना रहे हों। प्रकृति में कुछ भी अचानक घटित नहीं होता, किसी बड़ी घटना से पूर्व शकुन-अपशकुन के रूप में अनेक घटनाएं क्रमबद्ध ढंग से घटित होती हैं। यदि इन पर गंभीरता से ध्यान कर लिया जाए, तो किसी बड़ी दुर्घटना से बचाव किया जा सकता है।

कहते हैं कि नजरदोष या अन्य कोई व्याधा लग जाने पर आंख की निचली पलक भारी हो जाती है मानो वह सूज गई हो। प्रभावित व्यक्ति का कोई भी काम करने का मन नहीं करता। इससे मुक्ति के लिए अनेक प्रकार के उपाय सुझाए गए हैं, जिन्हें अपनाने से वर्णित कष्टों का निवारण हो सकता है। 

- नजर दोष निवारक लॉकेट धारण करें।
- रुद्राक्ष माला, और खासकर तेरहमुखी रुद्राक्ष माला, नजर दोष व ऊपरी बाधाओं से बचाव के लिए विशेष प्रभाशाली है।
- बच्चों को मोती चांद का लॉकेट एवं नजरबंद (काले-सफेद मोती) का ब्रेसलेट या करधनी धारण कराएं।
- पारद लॉकेट सभी बाधाओं को दूर करने में सक्षम है।
- नजर दोष निवारक यंत्र एवं नवदुर्गा यंत्र साथ रखें।
- पंचमुखी हनुमान का लॉकेट धारण करें या घर में अथवा व्यवसाय स्थल पर स्थापित करें।
- काले हकीक की माला पर क्क हं हनुमते नमः मंत्र का नियमित रूप से जप करें।
- मोर पंख से या सरसों के तेल की बत्ती से उतारा करें।
- नीबू को सिर से उतारकर चार टुकड़ों में काटकर चौराहे पर चारों दिशाओं में फेंक दें। यदि कोई नजर लगी हो या टोटका किया गया हो तो दोष दूर हो जाता है।
- नजर दोष से प्रभावित व्यक्ति के ऊपर चारों ओर से फिटकरी का टुकड़ा घुमाकर चूल्हे में डालने से नजर दोष समाप्त होता है।
- प्रवेश द्वार पर घोड़े का नाल लगाने से आगंतुकों की नजर नहीं लगती।
- नमक, राई और लाल मिर्च अंगारे पर डालकर रोगी के ऊपर ग्यारह बार घुमाने से नजर दोष मिटता है।
- सोते समय सिर के नीचे चाकू रखने से डरावने स्वप्न नहीं आते।
- हनुमान चालीसा का पाठ करने से भूत-प्रेत आदि व्याधाएं भाग जाती हैं।
- यदि ऐसा महसूस होता हो कि किसी ने आपका घर या व्यवसाय बांध दिया है, तो चार कीलें घर के अंदर चारों दिशाओं में ठोंक दें, बंधन से मुक्ति मिलेगी।
- वाहन दुर्घटनाग्रस्त न हो इसके लिए लाल कपड़े की थैली में आठ छुहारे बांधकर वाहन के अंदर रखें। - पुष्य नक्षत्र में सहदेवी की जड़ लाकर साथ रखने से बीमारी से मुक्ति मिलती है।
- प्रतिदिन या फिर प्रति मंगलवार को सात साबुत हरी मिर्च और एक नीबू को धागे में बांधकर व्यवसाय स्थल पर बांध देने से कारोबार में उन्नति होती है।
- जब कोई ग्राहक दुकान पर आए, तो कोई एक धागा तोड़कर अपनी सीट के नीचे दबाकर रखें, ग्राहक निश्चित रूप से खरीददारी करेगा। ग्राहक चला जाए, तो धागा निकालकर फेंक दें।
- घर या व्यवसाय स्थल के प्रवेश द्वार पर मयूर का चित्र लगाने से नजर नहीं लगती।
-'क्क ऐं ींीं क्लीं चामुंडाय विच्चैः' मंत्र का जप करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं।

ऊपर वर्णित सभी दोषों का प्रभाव मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों पर अधिक पड़ता है। कुंडली में नीचस्थ चंद्र या राहु व शनि से ग्रस्त चंद्र होने पर व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर होता है और उस पर उक्त दोषों का प्रभाव अधिक पड़ता है। शिव व हनुमत आराधना और चंद्रमणि धारण करने से मानसिक बल प्राप्त होता है और दोषों से मुक्ति मिलती है।

नजर दोष एवं उपाय 

डाॅ. उर्वशी बंधु 


नजर दोष से प्रायः कईं व्यक्ति परेशान रहते हैं। इससे बचाव के अनेक कारगर उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर पीड़ित व्यक्ति को दोष से मुक्ति दिलाई जा सकती है। कुछ विशेष टोटके यहां प्रस्तुत हैं जिस प्रकार किसी व्यक्ति की राशि एवं नक्षत्र के स्वामी निर्बल होने पर वह नजर दोष के प्रभाव में आ जाता है, उसी प्रकार यदि किसी व्यक्ति की राशि एवं नक्षत्र स्वामी क्रूर ग्रह बली हो तथा पापी ग्रहों का प्रभाव हो, तो व्यक्ति की वाणी, दृष्टि एवं मनोभावों में ईष्र्या उत्पन्न होती है। यदि वह किसी को टोक दे या किसी सुंदर वस्तु, भवन, वाहन या मशीनरी को लगातार देखता रहे या मन ही मन ईष्र्या करे, तो उस व्यक्ति या वस्तु को नजर दोष लग जाता है।

नजर दोष से पीड़ित व्यक्ति को अपने कक्ष के द्वार पर तीन चमत्कारिक गुटिकाएं लाल धागे में पिरोकर लटका देनी चाहिए। इन्हें ऐसे स्थान पर लटकाना चाहिए कि कक्ष में प्रवेश करते समय बाहरी व्यक्ति की दृष्टि उन पर अवश्य पड़े। नजर या तंत्र का प्रयोग किया गया हो, तो गुटिकाएं चटक जाती हैं या फट कर स्वयं गिर जाती हैं। ऐसा होने पर दूसरी गुटिकाएं फिर से लटकाएं। इससे व्यक्ति की बहुत सुरक्षा होती है। कार दुर्घटना आदि से बचाव के लिए भी ये गुटिकाएं कार में लगाकर यह प्रयोग कर सकते हैं।

जिन व्यक्तियों को अक्सर नजर लगती रहती हो, उन्हें कभी भी सफेद मिठाई खाकर घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। यदि कोई ऐसी स्थिति हो कि अचानक जाना ही पड़ जाए तो तुलसी के पांच पत्ते जल से सेवन कर लें। सेवन करते वक्त मन ही मन श्री विष्णु, श्री विष्णु बोलते रहें।

निर्माणाधीन भवन को नजर नहीं लगे, इसके लिए भवन के बाहर की दीवार पर राक्षस का मुखौटा लगा दें। गृहस्वामी का फटा हुआ जूता (काला) भी घर के सम्मुख बाहर की चारदीवारी पर लटका देना चाहिए। व्यावसायिक स्थल के मुख्य द्वार की चैखट पर काले घोड़े की नाल शनिवार शाम को ठोक देने से उसकी नजर दोष से रक्षा होती है।

 वर-वधू को भी नजर बाधा से बचाने के लिए उनके हाथों में कंगना बांधा जाता है।

 सुंदर बागवानी भी नजर दोष से नहीं बच पाती। ऐसी स्थिति में एक तुलसी का पौधा लगाना चाहिए। सुंदर पौधों की जड़ के समीप काले रंग की कौड़ी रखनी चाहिए। ग्यारह पौधों के समीप एक-एक कौड़ी अवश्य रखनी चाहिए। महीने में दो तीन बार घर में कपूर अवश्य जलाएं। यह प्रयोग बहुत प्रभावशाली है। बार-बार धन हानि एवं चोरी की घटनाएं होती हों तो तिजोरी में दो कौड़ियां लाल वस्त्र में बांधकर शुक्रवार को रखें।

जो व्यक्ति आपसे ईष्र्या करता हो, उसके सामने कुछ खाना पीना नहीं चाहिए अन्यथा खाना हजम नहीं होगा व स्वास्थ्य खराब हो जाएगा।

नजर दोष से बचाव का सबसे कारगर उपाय हनुमान जी की पूजा आराधना है। शनिवार को हनुमान जी के मंदिर में जाकर उनके कंधों का सिंदूर लाकर नजर दोष से पीड़ित व्यक्ति के माथे पर लगा दें- दोष दूर हो जाएगा। साथ ही हनुमान बाण का पाठ करें- बहुत प्रभावी उपाय है। हनुमान जी के शरीर का सिंदूर, एक लाल मिर्च, लोहे की एक बड़ी कील और काले उड़द के थोड़े से दाने को सफेद वस्त्र में काले धागे से बांधंे, और फिर पोटली को बच्चे के पालने के ऊपर बांध दें। न तो किसी की नज़र लगेगी, न ही पिशाच बाधा सताएगी। हनुमान जी की पूर्ण कृपा बनी रहेगी।

भोजन को यदि नजर लग जाए तो उसका प्रत्येक पदार्थ थोड़ा-थोड़ा लेकर एक पत्ते पर रखें और उस पर गुलाल बिखेरें। मन ही मन श्री बजरंगबली बोलते रहें। फिर उसे रास्ते में कहीं रख आएं और फिर आकर सभी के साथ अराम से भोजन करें।

सुंदर बागवानी भी नजर दोष से नहीं बच पाती। ऐसी स्थिति में एक तुलसी का पौधा लगाना चाहिए। सुंदर पौधों की जड़ के समीप काले रंग की कौड़ी रखनी चाहिए। ग्यारह पौधों के समीप एक-एक कौड़ी अवश्य रखनी चाहिए। महीने में दो तीन बार घर में कपूर अवश्य जलाएं। यह प्रयोग बहुत प्रभावशाली है।

बार-बार धन हानि एवं चोरी की घटनाएं होती हों तो तिजोरी में दो कौड़ियां लाल वस्त्र में बांधकर शुक्रवार को रखें।

यह हनुमान मंत्र मिटाए बुरी नजर या दोष का भय-संशय


आज के जमाने की दौड़ती-भागती जिंदगी में आगे निकलने की चाह में हो रही प्रतियोगिता और परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारियों के चलते इंसान न चाहकर भी जाने-अनजाने में ईर्ष्या या द्वेष के कारण अपने बोल या व्यवहार से दूसरों को पीड़ा और नुकसान पहुंचाता है। व्यावहारिक जीवन में यह बातें कहीं न कहीं हमारे लिए भी कष्टों का कारण बनती है, वहीं धार्मिक दृष्टि से भी हम अदृश्य दोष के भागी बनते हैं।

ऐसे ही अदृष्य दोषों में नजर लगना, बददुआएं भी मानी जाती हैं, जिनसे मानवीय मन में भय-संशय घर कर जाती हैं। जीवन में बाधा बनने वाली ऐसी से रक्षा करने के लिए बल, बुद्धि और विद्या के दाता संकटमोचक हनुमान की उपासना का महत्व बताया गया है। जिसके लिए हनुमान गायत्री मंत्र बहुत ही अचूक माना गया है -

ॐ अंजनीसुताय विद्महे,

वायुपुत्राय धीमहि,

तन्नो मारुति: प्रयोचदयात्।।

मंगलवार या हर रोज श्री हनुमान का लाल आसन पर बैठ लाल पूजा सामग्रियों लाल चंदन, अक्षत, फूल अर्पित कर धूप व दीप लगाकर इस मंत्र से यथासंभव एक माला यानी 108 बार उच्चारण आपको अनचाहे संकट, विपत्ति, आपदाओं से बचाता ही है, साथ ही शत्रु बाधा, भय और रोग से भी बचाव करता है।


कुछ उपयोगी टोटके 


घर से गये प्राणी को वापस बुलाने हेतु: प्रातः काल स्नान करके घर से गये हुए प्राणी का नाम एक कागज पर लिखें और एक आटे का दीपक बनाकर उसमें सरसों का तेल भरकर रूई की बाती डालकर उसे जला दें। दीपक के नीचे नमक रख दें। इस प्रकार से यह क्रिया मंगलवार से प्रारंभ कर 43 दिन तक करें। धूप दीप से पूजन कर उस स्थान पर हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें। उसके बाद श्री हनुमान जी से उसे घर वापस आने की प्रार्थना करते रहें। गया प्राणी वापस आजाएगा। 

शनिवार के दिन सरसों का तेल किसी बड़े बर्तन में डालकर उसमें अपनी छाया को देखें। घर के सभी सदस्य फिर तेल में आटे के गुलगुले बनाकर गरीबों को बांट दें। इससे शनिदेव का प्रकोप ठंडा हो जाएगा। यह क्रिया 7 शनिवार करें। 

भूत प्रेत भगाने के लिए यह धूमनी घर में दें। सांप की केंचुली को पीसकर उसमें वच, हींग तथा सूखी नीम की पŸिायों के मिश्रण को गाय के ऊपले पर डालकर लोहवान, गूगल का भी मिश्रण मिलाकर घर में मंगलवार से मिट्टी के सकोरे पर रखकर घर में इस धूमनी को घुमाएं। ऐसा करने से भूत-प्रेत व अन्य सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी काले धतूरे की जड़ को इतवार के दिन बाजू में बांधकर पहनने से बाधा हट जाती है। 

मुण्डी-गोखरु और बिनौला सम भाग लेकर तथा गोमूत्र में पीसकर जो ब्रह्म-राक्षस से ग्रस्त है, उसे सुंघा दें, तो ब्रह्म राक्षस का दोष मिट जाता है। 

मदिरापान छुड़ाने हेतु कटैला उपरत्न की माला धारण करें। इससे मन में शुद्ध विचार आने लगते हैं। 

जिन्हें भूत-प्रेत अथवा खराब स्वप्न दिखाई देते हैं, वह हाथ की उंगली में लहसुनियां धारण करें। इससे ऐसे स्वप्न तथा विकार दूर हो जाते हैं। 

जो मानसिक रूप से परेशान हैं तथा पागलपन की अवस्था में आ जाते हंै, उसे हाथ की उंगली में मोती की अंगूठी पहना देने से लाभ होता है। 

जिन्हें संतान नहीं होती है या जो पुत्र के इच्छुक हैं वे पुखराज धारण करें। 

इतवार या रवि पुष्य योग में तुलसी पत्र, काली मिर्च 8-8, इनको सहदेई की जड़ मिलाकर तीनों को पीसकर ताबीज में भरकर दाहिनी भुजा में मंगलवार के दिन बांधने पर बाधा से छुटकारा मिल जाता है।  

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