आप अपने पैसों का सही इस्तेमाल और बचत कैसे करें। कर्ज़ का प्रबंधन कैसे करें और आपकी खर्च योजना कैसी होनी चाहिये। आपके पैसों का खयाल आपको ही रखना होगा।
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर के पंकज मठपाल ने क्रेडिट कार्ड, कर्ज़ की मुश्किलों पर कुछ बातें बतायी जो आपके भी काफ़ी काम आ सकती है।
क्रेडिट कार्ड लेने के बाद अगर इसके बिल का भुगतान नहीं किया तो आगे इसके क्या नुक्सान हो सकते हैं ये सवाल को लेकर लोगों के मन में अक्सर उठता रहता है। इस पर एक बात साफ हो जानी चाहिये कि अगर आपने क्रेडिट कार्ड लिया है तो
आपका इसका बिल तो देना ही होगा। अगर 3 महीने के भीतर आप कर्ज़ का निपटारा नहीं करते हैं तो आपको बैंक कोर्ट में घसीट सकता है क्योंकि आरबीआई नियमों के मुताबिक बैंकों को 3 महीने बाद ही कोर्ट जाने का अधिकार है। उन्होंने ये भी बताया कि मौजूदा कार्ड रद्द होने पर बैंक उसका नवीनीकरण कर नये कार्ड में आपका बकाया और क्रेडिट लिमिट स्थानांतरित करता है। तयशुदा तारीख से पहले इसका भुगतान नहीं चुकाने पर नाम सिबिल में जाएगा। अगर आपको नया क्रेडिट कार्ड मिल भी गया है तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि सिबिल में आपका रिकॉर्ड सही है। इसके अलावा अगर बैंक से लिये हुए कर्ज़ भुगतान में देरी के कारण आपका नाम सिबिल के डिफॉल्टर की सूची में आ गया तो आपको इसके भी बड़े भारी नुक्सान झेलने पड़ सकते हैं। इसके साथ ही बैंक के कर्ज़ पर भी यही नियम लागू होता है। बैंक का कर्ज़ ना चुकाने पर भी अगर आपका नाम सिबिल में जा चुका है तो आगे के कर्ज़ के लिये आपको मुश्किल जरूर हो सकती है। अगर आप भी ऐसी किसी मुश्किल में हैं तो बैंक को अपनी मुश्किलें बताते हुए थोड़ी और मोहलत मांगें जिससे बैंक आपका नाम सिबिल को ना भेजे।
बैंक से सेटलमेंट करने के बाद बैंक से 'नो ड्यूज' जरूर लें। बैंक से कहें कि वो इसकी जानकारी सिबिल में भी दे, अगर बैंक सिबिल में ये जानकारी देता है कि कोई बकाया नहीं है तो आगे ऋण मिलने में मुश्किल नहीं होगा। अगर आप का नाम पहले सिबिल के डिफॉल्टर की सूची में आ चुका है तो बैंक के साथ हुए सेटलमेंट के कागज़ात दिखाकर आप अपना नाम इसमें से हटवा सकते हैं।
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