गायत्री मंत्र
ऒम भूर्भुव : स्व : ऒम तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि ।
धियोयोन : प्रचोदयात
गायत्री मंत्र पर महापुरुषों के विचार
महापुरुषों द्वारा गायत्री महिमा का गान
"ऋषियों ने जो अमूल्य रत्न हमको दिऐ हैं, उनमें से ऐक अनुपम रत्न गायत्री से बुद्धि पवित्र होती है।"
"गायत्री मे ऍसी शक्ति सन्निहित है, जो महत्वपूर्ण कार्य कर सकती है।"
"गायत्री का जप करने से बडी-बडी सिद्धियां मिल जाती हैं। यह मंत्र छोटा है, पर इसकी शक्ति भारी है।"
"गायत्री सदबुद्धि का मंत्र है, इसलिऐ उसे मंत्रो का मुकुटमणि कहा गया है।"
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