१-भारत में इस समय अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार सत्ता में है, जब की चीन में भ्रष्ट लोगो के लिए मौत की सजा का कानून है और अभी अगस्त में २ बड़े अधिकारियो को फांसी दे दी गयी है.
२-भारत की सरकार कालाधन जमा करने वालो को बचाती है, जब की चीन की सरकार ने अभी अभी स्वामी रामदेवजी के 4जून के अनशन से प्रभावित होकर विदेश में खाता रखने
वालो के लिए फांसी की सजा का प्राविधान किया है.
३-भारत में एक प्रभावी लोकपाल के लिए जनता को सड़क पर उतरना पड़ रहा है, वही चीन में भ्रष्टो के लिए फांसी का कानून रामबाण सिद्ध हो गया है, अब तो कालाधन रखने वाले भी इसी श्रेणी में आ गए है जो की स्वामी रामदेवजी के कारन हुआ.
४-भारत में हर मंत्रालय सिर्फ आयात पर जोर देता है जिससे की कालाधन बनाया ज़ा सके, चीन की सरकार सिर्फ निर्यात पर जोर देकर अकूत विदेशी मुद्रा कमा रही है.आयात को कम करते ज़ा रहे है.
५-भारत में विदेशी कंपनी आती है तो सिर्फ ऑफिस खोलकर बाहर से सामान आयात करके भारत को बाजार बनाते है, निर्यात नहीं करते है जिससे भारत का ही पैसा बाहर ज़ा
रहा है, जब की चीन में विदेशी कंपनी आती है, कारखाना लगाती है, चीनियों को रोजगार देती है,चीन का कच्चा माल प्रयोग करती है, सारा सामान चीन से बाहर निर्यात करके अकूत विदेशी मुद्रा चीन को मिलती है.
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६-भारत में देशी कंपनियों को प्रताड़ित किया जाता है और उन्हें टैक्स और कानून के शिकंजे में फंसाकर विदेशी कंपनियों को खुश किया जाता है, जब की चीन में सरकार खुद देशी कंपनियों को बताती है किस प्रकार उत्पादन बढ़ाये और निर्यात
बढ़ाये, इसके लिए उन्हें विदेशी कानूनों से भी बचाया जाता है. देशी कंपनियों को दुनिया भर की रियायत दी जाती है.
७-भारत में एक ही काम के लिए बीस टैक्स और बीस कानून हैं, चीन में कानून पारदर्शी और अपरिहार्य कानून और टैक्स है जो निर्यात में मदद करते है.
८-भारत में लालफीता शाही घुसखोरी का मुख्य कारण है, चीन में घुस खोरी की सजा फांसी है. हर मर्ज की एक दवा है. सही काम तुरंत होता है, सरकार बाधा के सख्त खिलाफ है.
९-भारत सरकार के ऊपर ३४ लाख करोड़ रुपये का कर्जा है, जब की चीन सरकार अकेले अमेरिका को ही ७५० करोड़ डालर का कर्जा दे रखा है, बाकि का कोई हिसाब नहीं है,
१०-भारत का ४०० लाख करोड़ रूपये का कालाधन ७० विदेशी बैंको में जमा है जो भारत के किसी काम नहीं आ रहा है, जबकि चीन की सरकार ने अन्दर ही अन्दर अपना कालाधन
वापस ले लिया है और प्रक्रिया जोर से चालू है. अब तो कालाधन के खातेदरों के लिए भी फांसी की सजा निर्धारित कर दिया है.
११-भारत में गोपनीयता के नाम पर सेना में भारी लूट मची है और सेना की ताकत प्रभावित हो रही है, जब की चीन में फांसी की सजा का प्राविधान होने के कारन सेना भ्रष्टाचार से पूरी तरह मुक्त है.
१२-भारत में अंग्रजी दवा बनाने वाली विदेशी कंपनियों की लूट मची है, चीन में आदि काल से ही आयुर्वेदिक औषधियों को प्राथमिकता दी जाती है.विश्व में सबसे ज्यादा देशी दवाये चीन में प्रयोग की जाती है, भारत दुसरे नंबर पर है जब की चीन में करीब १३५ करोड़ लोग है, भारत में १२१ करोड़. भारत के सबसे ज्ञानवान आयुर्वेदिक पंडित आचार्य बालकृष्ण जी को फर्जी जांच में उलझाया जाता है क्योकि वह रामदेव जी के सहयोगी है.
१३-भारत में सरकार के पास भ्रष्टाचार रोकने की इक्षाशक्ति नहीं है, जब की चीन में हर मर्ज की एक दवा है-"भ्रष्टो को मौत"
१४-भारत में ४५% लोग अशिक्षित है और १% लोग अंगेजी जानते है, चीन में १००%शिक्षा चीनी भाषा में दी जाती है और उनके कम्पुटर भी अंग्रेजी में नहीं, चीनी भाषा में होते है.
१५-भारत में विदेशी घुसपैठिये को वोटर कार्ड दिया जाता है, चीन में विदेशियों को इतनी ताड़ना दी जाती है की कोई वहा गलत तरीके से जाता ही नहीं और गया तो
छुप नहीं पाता है, चीन के लिए खतरा बने लोग ऊपर भेज दिए जाते है, भारत में मुक़दमा किया जाता है और बिरयानी खिलाई जाती है.
१६-भारत अपनी जमीन छोड़ देता है और पीछे हटने को बोल दिया जाता है, जबकि चीन औसत हर साल करीब एक जिले के बराबर जमीन कही न कही कब्ज़ा करता है.
१७-भारत में सरकार ने ऐसे व्यवस्था बना दिया है की बच्चों के पालन में ही पूरी उर्जा समाप्त हो जाती है और पूरा परिवार त्रस्त रहता है, जब की चीन सरकार आम जनता को दुनिया भर की रियायत देती है, शिक्षा और सुरक्षा सरकार फ्री में
करती है और निर्यातक नीति की वजह से सबको काम दिया जाता है, माता पिता को सिर्फ एक संतान पैदा करने की अनुमति है.
१८-भारत में वोट की राजनीति होती जिसकी वजह से लोकतंत्र को लूटतंत्र में बदल दिया गया है, चीन में सिर्फ यही एक चीज नहीं है इसलिए हमें विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का गौरव मिला हुआ है. भारत में हर कदम वोट को ध्यान में रखकर
उठाया जाता है.
"इन्ही सब कारणों से भ्रष्टो को जीने का हक़ नहीं है, उन्हें फांसी होनी ही चाहिए"
जय भारत,
संजय कुमार मौर्य अयोध्या से
(यदि सहमत है तो कम से कम ५० लोगो को जरुर अग्रेषित करे)
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आपने स्वयं और अपने परिवार के लिए सब कुछ किया, देश के लिए भी कुछ करिये,
क्या यह देश सिर्फ उन्ही लोगो का है जो सीमाओं पर मर जाते हैं??? सोचिये......
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आपने स्वयं और अपने परिवार के लिए सब कुछ किया, देश के लिए भी कुछ करिये,
क्या यह देश सिर्फ उन्ही लोगो का है जो सीमाओं पर मर जाते हैं??? सोचिये......
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