केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को महाराष्ट्र में अपने ' दलित चेहरे ' के तौर पर पेश करने का निर्णय कांग्रेस आलाकमान ने किया है। इसी क्रम में मंगलवार को महाराष्ट्र कांग्रेस मुख्यालय ' तिलक भवन ' में मंगलवार को 3 बजे उनके ' भव्य सम्मान ' का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण समेत महाराष्ट्र के सभी प्रमुख नेताओं को इस सम्मान में भाग लेने के निर्देश दिए गए हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव 2014 में होने हैं। पिछले कई चुनाव रामदास आठवले , रा . सु . गवई जैसे दलित नेताओं के साथ गठजोड़ में लड़ने वाली कांग्रेस पार्टी ने इस बार रणनीति बदली है। आठवले के शिवसेना - बीजेपी का थामने के बाद रिक्ति महसूस की जा रही थी। इसकी पूर्ति के लिए बीच में महाराष्ट्र कांग्रेस ने आठवले के प्रतिद्वंद्वी प्रकाश आंबेडकर के साथ गठजोड़ करने का प्रयास किया , मगर इसमें सफलता नहीं मिली। मजबूरन पार्टी को अपने भीतर झांकते हुए शिंदे को प्रॉजेक्ट करने का निर्णय करना पड़ा है। देश के इतिहास में पहली बार किसी दलित नेता को केंद्रीय गृह मंत्री दिया गया। महाराष्ट्र को यशवंतराव चव्हाण , शंकरराव चव्हाण और शिवराज पाटील - चाकूरकर के तौर पर तीन बार केंद्रीय गृह मंत्री पद नसीब हुआ है। ऐसा पहली बार हुआ है कि गृह मंत्री के साथ लोकसभा के नेता का इतना ही महत्वपूर्ण पद किसी एक व्यक्ति को ( शिंदे को ) को सौंपा गया है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार , शिंदे के भीतर कांग्रेस आलाकमान ' बाबू जगजीवन राम ' जैसे सामर्थ्यवान नेतृत्व के प्रॉजेक्शन की संभावना तलाश रहा है। बीच में एकाध बयानों की वजह से विवाद में रहे शिंदे इस मौके को किस रूप में लेते हैं , ये अभी तय होना है।
महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव 2014 में होने हैं। पिछले कई चुनाव रामदास आठवले , रा . सु . गवई जैसे दलित नेताओं के साथ गठजोड़ में लड़ने वाली कांग्रेस पार्टी ने इस बार रणनीति बदली है। आठवले के शिवसेना - बीजेपी का थामने के बाद रिक्ति महसूस की जा रही थी। इसकी पूर्ति के लिए बीच में महाराष्ट्र कांग्रेस ने आठवले के प्रतिद्वंद्वी प्रकाश आंबेडकर के साथ गठजोड़ करने का प्रयास किया , मगर इसमें सफलता नहीं मिली। मजबूरन पार्टी को अपने भीतर झांकते हुए शिंदे को प्रॉजेक्ट करने का निर्णय करना पड़ा है। देश के इतिहास में पहली बार किसी दलित नेता को केंद्रीय गृह मंत्री दिया गया। महाराष्ट्र को यशवंतराव चव्हाण , शंकरराव चव्हाण और शिवराज पाटील - चाकूरकर के तौर पर तीन बार केंद्रीय गृह मंत्री पद नसीब हुआ है। ऐसा पहली बार हुआ है कि गृह मंत्री के साथ लोकसभा के नेता का इतना ही महत्वपूर्ण पद किसी एक व्यक्ति को ( शिंदे को ) को सौंपा गया है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार , शिंदे के भीतर कांग्रेस आलाकमान ' बाबू जगजीवन राम ' जैसे सामर्थ्यवान नेतृत्व के प्रॉजेक्शन की संभावना तलाश रहा है। बीच में एकाध बयानों की वजह से विवाद में रहे शिंदे इस मौके को किस रूप में लेते हैं , ये अभी तय होना है।
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