ठाकरे
परिवार की तीसरी पीढ़ी में भी गर्म रवैया दिखाई दे रहा है। 22 साल के
आदित्य ठाकरे ने पहली बार लोगों के बीच बोलते हुए अपने दादा बाल ठाकरे का
रास्ता अपनाया। मराठी में बोलते हुए आदित्य ने कहा, 'आज कांग्रेस ने लोगों
की आवाज सुनी है, लेकिन थप्पड़ की वह आवाज नहीं सुनी है, जो कान के नीचे
बजाने से पैदा होती है।'
शिवसेना की इकाई युवासेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने शिवाजी पार्क से सिद्धिविनायक मंदिर तक साइकलों और बैलगाड़ियों के साथ विरोध प्रदर्शन रैली की। यह रैली सब्सिडी वाली रसोई गैस में कटौती और डीजल के दामों में बढ़ोतरी के विरोध में थी। रैली में करीब 10 हजार लोग शामिल हुए।
आदित्य ने कहा, 'हम कांग्रेस के खिलाफ इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे। आम लोगों की आवाज कांग्रेस तक पहुंचेगी और हम यह पक्का करेंगे।'
आदित्य रैली का नेतृत्व पैदल कर रहे थे। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर
जोशी और सांसद संजय राउत समेत शिवसेना के करीब दर्जन भर बड़े नेता थे।
शिवसेना के ज्यादातर आयोजनों और रैलियों में दिखने के बावजूद आदित्य ने
इससे पहले सार्वजनिक रूप से भाषण नहीं दिया था।
युवा सेना के एक कार्यकर्ता ने कहा, 'भाषण से हम सब हैरान रह गए। हम करीब 2 साल से आदित्य साहेब के बोलने का इंतजार कर रहे थे। यह अहम है कि उन्होंने उद्धव साहेब की गैरमौजूदगी में रैली का नेतृत्व किया और भाषण दिया। उद्धव साहेब और बाला साहेब की खराब तबीयत के मद्देनजर पार्टी में थोड़ा ढीलापन था, लेकिन उनके भाषण से युवा सैनिक जोश में आ गए हैं।'
एक और कार्यकर्ता के मुताबिक यह रैली 2014 के आम चुनावों के मद्देनजर आदित्य को उभारने के लिए आयोजित की गई थी। शिवसेना सूत्रों ने बताया कि आदित्य ने इस रैली के आयोजन में खुद रुचि दिखाई।
युवा सेना के एक कार्यकर्ता ने कहा, 'भाषण से हम सब हैरान रह गए। हम करीब 2 साल से आदित्य साहेब के बोलने का इंतजार कर रहे थे। यह अहम है कि उन्होंने उद्धव साहेब की गैरमौजूदगी में रैली का नेतृत्व किया और भाषण दिया। उद्धव साहेब और बाला साहेब की खराब तबीयत के मद्देनजर पार्टी में थोड़ा ढीलापन था, लेकिन उनके भाषण से युवा सैनिक जोश में आ गए हैं।'
एक और कार्यकर्ता के मुताबिक यह रैली 2014 के आम चुनावों के मद्देनजर आदित्य को उभारने के लिए आयोजित की गई थी। शिवसेना सूत्रों ने बताया कि आदित्य ने इस रैली के आयोजन में खुद रुचि दिखाई।
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