मित्रो आर्यभट का नाम तो आपसब ने सुनी होगी जिन्होंने जीरो(०) का आविष्कार किया , अक्सर आपलोगों ने जीरो की जगह 'ओ' या 'नोट' कहते हुए सुना होगा और आपलोगों में से बहुत सारे लोग होंगे जो इन्ही दो शब्दों का इस्तेमाल करते होंगे इस कहानी को जानने से पहले में भी किया करता था , अब मै आपको इस 'ओ' और 'नोट' की सच्चाई बताता हु ,
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अमेरिका में 'नोट' का इस्तेमाल किया जाता है अगर आप अमेरिका का इतिहास देखे तो इस देश की मानसिकता रही है की वो अपने आप को सर्वश्रेस्ट मानती है उनके मानसिकता के अनुसार मान सम्मान और उत्पत्ति जैसी बाते बेकार की चीजे है , उनकी नज़र में आज भी भारत एक सपेरो और मदारियों का देश माना जाता है इसलिए उन्होंने इस सच्चाई को जानते हुए भी की 'जीरो' का आविष्कार आर्यभट ने किया है उन्होंने इसको कभी बर्दास्त नहीं किया और 'जीरो' की जगह 'नोट' का इस्तेमाल करने लगे ।
'ओ ' का इस्तेमाल इंग्लैंड में किया जाता है उनकी मानसिकता में भी ज्यादा अंतर नहीं है ,उनकी सोच भी अमेरिकियों की तरह ही है ऊपर से उन्होंने भारत जैसे देश पर २०० वर्ष राज़ भी किया है तो उन्होंने भी भारत की इस उपलब्धिता को स्वीकार नहीं किया और चूँकि अंग्रेजी भाषा उन्ही की दें है इसलिए उन्होंने 'जीरो' की जगह 'ओ' कहना सुरु कर दिया ।
we first time know or heard about introductor of zero is the indian. from the famous song of mr. manojkumar sir ''jab zero diya bharatne ,mer bharat ne '' but today i was actually know his name ''aryabhatt''
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Nishchal Ramaiya