Saturday, March 17, 2012

चीन के सैन्य बजट ने ब़ढायी चिंता



चीन के सैन्य बजट ने ब़ढायी चिंता

2015
तक सेना के आधुनिकीकरण पर 40 खरब रुपये खच करेगा भारत

4500
अरब रुपये का रषा बजट था चीन का साल 2011 में

5200
अरब रुपये का हो गया है अब चीन का रषा बजट

साल 2012 के रषा बजट में चीन द्वारा 112 फीसदी की ब़ढोतरी से अमेरिका समेत भारत की भी चिंता ब़ढ गयी है एक तरफ, चीन शांति की बात करता है, तो दूसरी सैन्य तैयारियों और रषा बजट को लगातार ब़ढाता जा रहा है चीन की सैन्य ताकत पहले ही काफी ह्लयादा है इसके बावजूद रषा बजट में इजाफे से उसके मंसूबे पर सवाल उठना लाजिमी है चीन के रषा बजट में भारी ब़ढोतरी के संदभ में उसकी सैन्य ताकत का आकलन का करता आज का नॉलेज

विभित्र देशों की सैन्य षामताओं की तुलना



देश सैन्य बजट सैनिकों की संख्या मुख्य हथियार



अमेरिका 7393 अरब डॉलर 1,569,000 6,302 युद्धक टैंक

3,252 फाइटर एयरक्राफ्ट

71 पनडुब्बियां

450 अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्चर

चीन 1064 अरब डॉलर 2,285,000 7,400 युद्धक टैंक

1,669 फाइटर एयरक्राफ्ट

71 पनडुब्बियां

66 अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्चर

यूनाइटेड किंगडम 637 अरब डॉलर 1,74,000 227 युद्धक टैंक

220 फाइटर

एयरक्राफ्ट

11 पनडुब्बियां

रूस 527 अरब डॉलर 956,000 3,310 युद्धक टैंक

1,439 फाइटर एयरक्राफ्ट

65 पनडुब्बियां

292 अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्चर

भारत 319 अरब डॉलर ,325,000 3,233 युद्धक टैंक

784 फाइटर एयरक्राफ्ट

15 पनडुब्बियां

पाकिस्तान 641 अरब डॉलर 617,000 2,640 युद्धक टैंक

1,414 एयरक्राफ्ट

5 पनडुब्बियां, हत्फ और गौरी बैलेस्टिक मिसाइले



(स्नेत : आइआइएसएस, 2011 चीन का सैन्य बजट साल 2012 के लिए है)चंदन मिश्रा

चीन सैन्य जरूरतों पर खच के मामले में अब अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है अब उसका रषा बजट 1064 अरब डॉलर यानी 5200 अरब रुपये का हो गया है 2011 में उसका यही बजट 92 अरब डॉलर यानी 4500 अरब रुपये का आस-पास था अब उसके इस कदम ने भारत और अमेरिका के अलावा अन्य देशों के बीच एशिया-प्रशांत षोत्र में उसकी ब़ढती सैन्य ताकत और दबदबे को लेकर चिंता पैदा करने का काम किया है, क्योंकि पिछले साल भी दषिाण-पूव देशों के संगठन आसियान के सम्मेलन में चीन की ब़ढती सैन्य महत्वाकांषा को लेकर चिंता जाहिर की गयी थी सम्मेलन आथिक और षोत्रीय विकास पर केंद्रित होकर पूरी तरह एशिया-प्रशांत षोत्र में अमेरिका और चीन के वचस्व की प्रतिद्वंद्विता पर केंद्रित हो गया था एक तरफ अमेरिकी राष्ट­पति बराक ओबामा ने इस षोत्र में अपनी स्थिति और मजबूत करने की बात कही थी, तो चीन ने अमेरिका को यह चेतावनी दे डाली कि बीजिंग अपने हितों और संप्रभुता पर किसी भी देश का हमला बदाश्त नहीं करेगा उधर, अरुणाचल प्रदेश और सीमा विवाद को लेकर भारत से चीन का तनाव जग-जाहिर है हाल में, भारत के प्रति चीन का आक्रमक रवैया, चाहे वह दलाइ लामा के मसले पर हो या अरुणाचल प्रदेश या फिर दषिाण चीन सागर में वियतनाम के साथ मिलकर तेल और गैस निकालने की योजना और अब रषा बजट में भारी वृद्धि से भारत की चिंता ब़ढना लाजिमी है

हालांकि, रषा खच में वृद्धि के फैसले का बचाव करते हुए चीन ने कहा है कि हमारा उद्देश्य किसी के लिए चिंता पैदा करना नहीं हमारा मकसदआथिक विकास के साथ सहयोगात्मक रषा विकास करना है इसके बावजूद हमारा रषा खच अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से काफी कम है चीन का यह भी कहना है कि हमारे पास लंबी समुद्री तट रेखा है हमारी जनसंख्या 13 अरब है, षोत्रफल बड़ा है और दूर तक समुद्री सीमा है इस लिहाज से देखें तो राष्ट­ीय संप्रभुता की सुरषा के लिए हमारे पास सीमित सैन्य षामता है और यह वृद्धि राष्ट­ीय सुरषा एवं आथिक विकास की जरूरतों के मुताबिक है चीन भले ही यह तक दे रहा हो, लेकिन भारतीय रषा अधिकारियों की मानें, तो दोनों देशों के सैन्य खच में ब़ढता अंतर वाकइ चिंता की बड़ी बात है

एशियाइ देशों को सताता रहा है डर

एशियाइ देश चीन की सैन्य रणनीति से हमेशा चिंतित रहे हैं और अब रषा बजट में ब़ढोतरी ने जापान, भारत और दषिाण एशियाइ देशों की चिंताओं को और ब़ढा दिया है सबसे बड़ी चिंता उसकी सैन्य षामता और षोत्र में आक्रामक रवैया की वजह से रहा है दरअसल, चीन 14 देशों के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है ऐसे में व्यापक सैन्य षामता से लैस होना उसकी मजबूरी भी हो सकती है

जापान और चीन के बीच इस्ट चाइन सी में एक द्वीप को लेकर मतभेद है, वियतनाम, फिलीपींस और अन्य देशों के बीच दषिाण चीन सागर को लेकर भी उसके विवाद हैं लेकिन, इस आण्विक युग में जबकि चीन इन हथियारों से लैस भी है, तो ऐसा में लगातार सैन्य बलों को तेज गति से मजबूत करना सभी को आशंकित करता है यदि अमेरिका से ही उसकी तुलना करें तो 2013 के लिए अमेरिका का प्रस्तावित 5254 अरब डॉलर है, जो कि साल 2012 की अपेषा 51 अरब डॉलर कम है ऐसे में चीन का कहना है कि साल 2011 में इसका सैन्य खच सकल घरेलू उत्पाद का 128 फीसदी था, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन का यह आकड़ा दो फीसदी से

भारत पर क्या होगा असर

एक यूरोपीय शोध समूह की मानें, तो 2015 तक चीन का कुल रषा बजट भारत, जापान और एशिया-प्रशांत षोत्र के अन्य 10 देशों के कुल रषा बजट से भी ह्लयादा हो जायेगा जानकारों के मुताबिक, चीन के इस कदम का असर भारत के सैन्य खच पर भी पड़ेगा भारत ने पिछले साल 3604 अरब डॉलर का रषा बजट रखा था जो कि 2010 के रषा बजट से 1159 फीसदी अधिक था भारत इस समय हथियार आयात के मामले में दुनिया का अव्वल देशहै हथियारों की खरीद-फरोख्त पर नजर रखने वाले संगठन सिपरी की 2011 की रिपोट के मुताबिक, 2006 और 2010 के बीच दुनिया में हुइ हथियारों की खरीद का 9 फीसदी हिस्सा सिफ भारत में है

सेंटर फॉर स्ट­ेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के आकलन के अनुसार भी भारत ने अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण पर 2015 तक 80 अरब डॉलर यानी लगभग 40 खरब रुपये खच करने की योजना बनायी है अगले 20 वर्षो में भारत 103 नये जंगी जहाजों (इसमें परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बियां भी शामिल हैं) पर 45 अरब डॉलर का खच करेगा वहीं, इस दौरान चीन 135 जंगी जहाजों पर महज 25 अरब डॉलर (करीब 12 खरब रुपये) खच करेगा भारत के लिए राहत की बात यह है कि अमेरिका भारत की ब़ढती सामरिक ताकत से ह्लयादा चिंतित नहीं है

अमेरिका को भी सता रही है चिंता

अमेरिका के लिए ह्लयादा चिंता की बात चीन की सामरिक शक्ति है यही वजह है कि उसने पेंटागन के बजट में कटौती कर अपना ध्यान एशिया-प्रशांत षोत्र की ओर करने का मन बनाया है, ताकि वह चीन की गतिविधियों पर नजर रख सके हाल के वर्षो में अंतरिषा और समुद्री सीमाओं में चीन की ब़ढती षामता ने भी अमेरिका को चिंतित किया है ताइवान मुद्दे को लेकर भी मतभेद का ब़ढना इसी कड़ी के एक हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है दरअसल, ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश घोषित करने को इच्छुक है, लेकिन चीन के दबाव में वह ऐसा नहीं कर रहा है

उधर, ताइवान के पास अप्रत्यषा तौर पर अमेरिका का समथन हासिल है इन्हीं वजहों से चीन भविष्य की किसी भी आशंका को दूर करने के लिए लगातार सेना के आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रहा है इसके लिए वह तकनीक से लेकर तमाम चीजों के विकास पर भारी-भरकम बजट खच कर रहा है साइबर दुनिया से लेकर अंतरिषा में अपनी पहुंच को सुलभ बना रहा है, ताकि अपने से बड़े प्रतिद्वंद्वी को उसके हर चाल में मात दिया जा सके इसके लिए वह सेना की खुफिया जगहों पर तैनाती के अलावा उसके लिए एंडवांस एंटी-सैटेलाइट और एंटी बैलेस्टिक मिसाइल भी विकसित कर रहा है दो साल पहले, चीन ने एक बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीषाण किया था चीन द्वारा खुद की बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम विकसित करने से यह आशंका जतायी गयी कि अब अमेरिका और चीन के बीच जंग की अगली कड़ी में अंतरिषा भी जुड़ गया है इन नयी तकनीकों के विकास के साथ-साथ चीन परंपरागत सैन्य विकास पर भी खासा ध्यान दे रहा है

पीपुल्स लिबरेशन आमीर्त् यानी पीएलए वायु सेना ने हाल के वर्षो में समुद्र तटीय इलाकों में अपने अभियानों का दायरा ब़ढाया है अब यह लगभग 3,000 नये एयरक्राफ्ट की तैनाती की योजना बना रहा है इन सब कदमों से यह लाजिमी था कि चीन अपने सैन्य बजट में काफी ब़ढोतरी करेगा लेकिन उसकी इस ब़ढोतरी से कइ देशों विशेषकर, भारत और अमेरिका की चिंता ब़ढना भी लाजिमी था भारत के लिए चिंता की सबसे बड़े बात यह है कि चीन के साथ 4057 किलोमीटर लंबी सीमा विवाद है, जो विश्व की सबसे लंबी सीमाओं में से एक है

चीन द्वारा बार-बार भारत की सीमा में घुसपैठ के कारण यह अकसर चचा में रहती है इतना ही नहीं, भारत का करीब 1,35,000 वग किलोमीटर भू-भाग चीन के कब्जे में है यह करीब-करीब कोस्टारिका देश के आकार के बराबर है

भारत-चीन के बीच सीमा वाता द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी भी दो देशों के बीच चलने वाली सबसे लंबी वाता है फिर भी यह अबी तक सुलझ नहीं पाया है यानी चीन के रषा बजट में ब़ढोतरी के बाद अब भारत के बजट पर भी निगाहें रहने वाली हैं


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